सूर्य मेष लग्न में जब लग्न भाव में विराजमान होंगे तो सूर्य अपनी ऊंच राशि मेष राशि में होंगे , सूर्य लग्न भाव के भाव कारक होकर लग्न भाव में ही मजबूत स्थिति में होंगे , मेष लग्न में सूर्य की भूमिका पंचमेश की होती है !
ऐसा जातक सूर्य के लग्न भाव में होने के कारण जातक मान सम्मान वाला होगा , सरकारी ऊंच अधिकारी हो सकता है , पिता का उसकी पर्सनालिटी पर प्रभाव होगा , पिता के सम्मान को बढ़ने वाला होगा ! जातक के संतान उसकी बात को मानेंगे ,जातक का अपने संतान पर पकड़ होगी , उसके संतान उसको सम्मान देने वाले होंगे ! जातक ऊंच शिक्षा वाला होगा , अच्छा नेतृत्व करने की छमता वाला होगा , प्रखर वक्त होगा , शरीर से मजबूत और आकर्षक होगा ! जातक के अंदर धैर्य की कमी देखि जाएगी , अग्रेसिव व्यव्हार भी कभी कभी देखा जायेगा ,अहंकारी भी हो सकता है , और अत्यधिक क्रोधी भी हो सकता है ! जातक की राशि कन्या राशि होने से जातक अपने गुस्से का अच्छा प्रबंधन करने वाला हो सकता है , जातक बहुत ही बुद्धिमान , मीठी वाणी वाला हो सकता है ! बुध की ऊंच राशि कन्या होने से जातक के मन पर बुध का विशेष प्रभाव हो जायेगा ,! जातक जान भागीदारी निभा सकता है , सरकारी बड़ा डॉक्टर हो सकता है , बड़ा जज हो सकता है , इस कॉम्बिनेशन में हमें यह देखने को मिलेगा की जातक का मन धार्जित करने को लेकर प्रेरित हो सकता है , थोड़ा स्वार्थी हो सकता है , पहले अपने बारे में सोचने वाल्ला हो सकता है ! मानसिक रूप से थोड़ा चन्द्रमा के छठे भाव में होने के कारन देखा जा सकता है , थोड़ा छोटा भाई से जायदा लगाव भी देखा जा सकता है , ! जातक के मन पर लक्ज़री लाइफ जीने की लालसा की अधिकता देखि जा सकती है , जातक प्रभाव बनाने के ख्याल दिखावा करने वाल्ला हो सकता है , जातक विदेश घूमने वाला हो सकता है ! जातक कोई सरकारी कर्मचारी ऊंच अधिकारी बनकर विदेश में रहने वाला हो सकता है ! इस कॉम्बिनेशन में हमें यह देखने को मिल रहा है की जातक के व्यक्तित्व में जो अग्नि तत्त्व की मात्रा बढ़ेगी उस एनर्जी को जातक द्वारा कन्या राशि होने के कारन सकारात्मक तौर पर प्रबंधित करने की स्थिति हो सकती है !
मिथिलेश सिंह
नॉएडा

