मेष लग्न में लग्नेश मंगल का सिंह राशि एवं पंचम भाव में होने का प्रभाव !

इस संयोग  में लग्नेश मंगल  का  सिंह राशि एवं पंचम भाव में विराजमान होने से  लग्न भाव, पराक्रम भाव,पंचम भाव, अष्टम भाव ,नवम भाव,दशम भाव ,एकादश भाव   द्वादश भाव प्रभावित  होंगे  !  मंगल का यहाँ  विराजमान होने से मनगल को बल मिलेगा एवं मंगल सूर्य को  बल देने का काम करेंगे  , इस संयोग में मंगल लग्नेश है इसलिए  लग्न भाव प्रभावित होगा एवं सूर्य जिन भावो के भावपति एवं भाव करक है वे सभी भाव प्रभावित होंगे  जैसे लग्न भाव ,पंचम भाव, नवम भाव ,एवं दशम भाव  ,  मंगल प्रकाराम  के  भावकारक  है तो पराक्रम भाव  प्रभावित होंगे  ,मंगल की  दृष्टि  के फलसवरूप  अष्टम एवं अष्टम के स्वामी भी मंगल है ,  साथ  में  मंगल की दूसरी दृष्टि  एकादश भाव एवं तीसरी दृष्टि द्वादश भाव  में  !   जातक का व्यक्तित्व मजबूत होगा , अच्छी  सशरीरिक क्षमता वाला जाता क हो जायेगा , माजपूत शरीर एवं आकर्षक व्यक्तित्व हो जायेगा ,  अच्छा वक्ता एवं  अच्छी नेतृत्व की क्षमता हो जाएगी  ! स्पोर्ट्स में रूचि बढ़ेगी ,हारना पसंद  नहीं होगा , रौब वाला  होगा , सरकारी  डिफेन्स में कार्य करने वाला अधिकारी हो सकता है , उसके जो संतान  होंगे  उसकी बात को मान वाले उसके प्रभाव में रहने वाले हो सकते है , जातक ,निडर ,बहादुर  रिस्क लेने की क्षमता वाला हो सकता है , जातक अपने पराक्रम से  अपनी  शिक्षा को पूरा करने वाला हो सकता है  ,  युद्ध क्षेत्र का विशेष ज्ञान रखने वाला हो सकता है , शस्त्र  के ज्ञान में रूचि वाला हो सकता है ,  जातक  अष्टम भाव से सम्बंधित ज्ञान को जानने वाला  या रूचि रखने वाला हो सकता है  ! जातक खोजबीन वाला किसी विषय की गहराई में जानकारी प्राप्त करने वाला हो सकता है  ,  शेयर मार्किट में  रूचि वाला हो सकता है , उससे लाभ अर्जित करने वाला हो सकता है  !  जातक  के भाग्य  उदय  सरकार  से जुड़े  कार्यो  में हो सकता है  ,  जातक  कोई  प्रॉपर्टी   से  रिलेटेड या कंस्ट्रक्शन के बिज़नेस  वाला भी हो सकता  है   , जातक को बड़े भाई  से लाभ  की  स्थिति  भी देखि जा सकती है लेकिन किसी विवाद से बचना चाहिए  ! जातक  को अपने कर्मचरियो  से किसी तरह के विवाद से बचना चाहिए यह उसके लिए आर्थिक लाभ देने वाला हो सकता है , जातक अपने  जन्म स्थान से दूर जाकर  प्रॉपर्टी से सम्बंधित काम करने वाला हो सकता है  !  इस संयोग में जो भी प्रभाव बताया गया है यह सामान्य प्रभाव है  सभी  ग्रहो की स्थिति लग्न चार्ट में  देखने के बाद पूरा प्रभाव को  समझा जा सकता है  !  जीतक में गुस्से  की  क्रोध की स्थिति बढ़ेगी इसलिए ऐसे जातक को  शिवलिंग पर जल अभिषेक करना चाहिए एवं ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए  !

मिथिलेश सिंह   

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