मेष लग्न में लग्नेश मंगल का तुला राशि एवं सप्तम भाव में प्रभाव !

इस संयोग के फल्स्वरूप जातक मांगलिक होगा , ऐसे जातक में काम की प्रविर्ती हावी होगी , भोग विलास के प्रति विशेष आकर्षण देखा जा सकता है ! जीवन साथी एवं किसी प्रकार के साझेदार के साथ विवाद की स्थिति बन सकती है ! ऐसा जातक अपने पराक्रम का खर्च अपने भोग को पूरा करने में कर सकता है ! ऐसा जातक डिफेन्स में कार्यरत हो सकता है , प्रॉपर्टी से सम्बंधित कार्य करने वाला हो सकता है , कंस्ट्रक्शन से सम्बंधित कोई कार्य करने वाला हो सकता है ! मेष लग्न का जातक सामान्य तौर पर ऊर्जावान ,उत्साहवर्धक ,जोशीला , युद्ध से सम्बंधित विशेष ज्ञान रखने वाला होता है , क्रोधी , शरीर से मजबूत और स्पोर्ट्स में रूचि रखने वाला होता है , ऐसा जातक किसी भी हाल में हारना पसंद नहीं करता है , जीवन को प्रतियोगिता के भाव से जीने वाला होता है ! यह सबकुछ सामान्य तौर पर मेष लग्न होने से जातक के व्यक्तित्व में देखने को मिलता है ! मंगल का सप्तम भाव में विराजमान होने से मंगल की सातवीं दृष्टि लग्न पर होगी इसके फलसवरूप जातक के व्यक्तित्व को मंगल का विशेष बल प्राप्त होगा ! ऐसे जातक में वशेष ऊर्जा देखि जा सकती है , जातक ज्यादा जोशीला , उत्साहवर्धक हो सकता है , हारना उसे किसी भी तरह के एक्ट में स्वीकार नहीं होगा ! ऐसा जातक डिफेन्स में कोई बड़ी भूमिका निभाने वाला हो सकता है ! धैर्य की कमी वाला जातक होगा , उग्र स्वाभाव एवं थोड़ा झगड़ालू भी हो सकता है ! मंगल की तीसरी दृष्टि दूसरे भाव में वृषभ राशि में होगी , इसके फलसवरूप ऐसे जातक की जीवन साथी उसके कुटुंब के सदस्य शादी के पहले से हो सकती है ! ऐसे जातक की वाणी उग्र हो सकती है , वाणी दोष हो सकता है ,जातक का अपने कुटुंब से विवाद भी हो सकता है ! ऐसे जातक को रक्त चाप ,ह्रदय रोग, एवं खून से सम्बंधित परेशानियों से सावधान रहना चाहिए ! मेष लग्न में मंगल अष्टमेश भी होते है और मंगल की दृष्टि लग्न भाव पर होने से व्यक्तित्व में अष्टम भाव से सम्बंधित क्षेत्रो के प्रति झुकाव देखा जा सकता है , रूचि देखा जा सकता है ! ऐसा जातक खोजबीन वाला , गूढ़ ज्ञानी , शेयर ट्रेडिंग में रूचि रखने वाला हो सकता है ! ऐसे जातक को हनुमान चालीसा का पाठ एवं शिव लिंग पर जल अभिषेक करना चाहिए जिससे मंगल के नकारात्मक प्रभाव से बच सके !

मिथिलेश सिंह

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