वृषभ लग्न एवं कर्क राशि होने पर सूर्य के लग्न भाव में होने का प्रभाव !

इस संयोग में लग्नेश शुक्र है एवं राशि के स्वामी चन्द्रमा स्वयं है ! शुक्र एवं चन्द्रमा का संयोग है ! सूर्य लग्न भाव के नैसर्गिक करक होकर वृषभ लग्न में विराजमान है ! इसके फलसवरूप शुक्र नकारातमक रूप से सूर्य के प्रभाव से प्रभावित होंगे , सूर्य के लग्न भाव में होने से जो व्यक्तित्वा में नकारात्मकता आती है शुक्र उसको कम करने में अपनी भूमिका निभाएंगे ! ऐसा जातक सूर्य के प्रभाव से यशश्वी , मान सम्मान वाला , पिता के सम्मान को बढ़ने वाला होता है ! चेहरे पर एक विशेष चमक देखने को मिलता है , सरकारी ऊंच अधिकारी बनाने की छमता वाला होता है , राजनीति में भी बड़ी सफलता प्राप्त करने वाला होता है ! जातक के व्यक्तित्वा में नेतृता करने की क्षमता देखि जाती है ,अच्छा प्रखर वक्त होता है ! शुक्र के प्रभाव से एवं इस संयोग में सूर्य का चतुर्थेश होने के कारण भोग विलास की प्रविर्ती जातक के वक्तित्व में जागृत रहती है , ऐसा जातक जो अपने जीवन में धन अर्जित करता है उसका भोग विलास पर खरने वाला होता है ! जातक बहुत ही बुद्धिमान होता है अपने सम्मान को बहुत ही बुद्धिमानी से बचाकर रखने का प्रयास करता है , जो व्यक्तित्व में नकारात्म पक्ष है उसको छुपाने का प्रयास करता है और वो उसमे सफल भी होता है ! जातक के व्यक्तित्व पर जनता का , माता का एवं पिता का विशेष प्रभाव देखा जाता है , ऐसा जातक अपने जन्म स्थान पर बहुत चर्चित है , सम्मान वाला होता है ! ऐसा जातक अपने जन्म स्थान पर ही रहना पसंद करने वाला होता है ! चन्द्रमा पराक्रम भाव के समय होकर पराक्रम भाव में ही विराज मान है , ऐसा जातक अपने जन्म स्थान पर ही पराक्रम करने वाला होता है , थोड़ा अलसी प्रविर्ती का भी होता है , छोटे भाई से एवं माता से स्नेह रखने वाला होता है ! शुक्र एवं चंद्र के संयोग होने से जातक के व्यक्तित्व में भोग की प्रविर्ती बढ़ जाएगी , ऐसा जातक अपने भोग को पूरा करने के लिए पराक्रम करेगा ! जातक के भाग्य उदय में माता का , माता पक्ष की भमिका हो सकती है ! जातक का भाग्य उदय अपने जन्म साथम पर ही होने स्थिति बनती है ! इस संयोग में जातक के अंदर पराक्रम करने की छमता में कमी देखि जा सकती है ! जातक के शुर मधुर होने की सम्भावना है ! कर्क राशि होने से जातक के अंदर उदारता , ममता , माता से लगाव रखने वाला , जन्म स्थान से लगाव रखने वाला , हसमुख स्वाभाव वाला होता है ! इस संयोग से हमें पता चलता है जातक धार्मिक कार्यो में रूचि रखेगा , सूर्य के लग्न भाव में होने से जातक में अहंकार, गुस्से की प्रविर्ती देखि जाती है , एवं जातक रक्तचाप एवं ह्रदय सम्बंधित परेशानिया होने की सम्भावना देखि जाती है , लेकिन जातक के लग्नेश शुक्र एवं जातक की राशि कर्क होने से जतक के व्यक्तित्व में गुस्से , एवं अहंकार पर नियंत्रण बनाने में यह संयोग भूमिका निभाने वाला हो सकता है सकती है ! रक्त चाप एवं ह्रदय रोग से बचाने में यह संयोग अपनी भूमिका निभाने वाला हो सकता है ! जातक को शुक्र से सम्बंधित बीमारियों से सावधान रहने की आवश्यकता है ! जो भी प्रभाव बताया गया है यह सबकुछ सामान्य प्रभाव है , सभी ग्रहो की स्थित संपूर्ण प्रभाव को एवं ग्रहो के प्रभाव के करीब पहुंचने की सम्भावना बनती है !

मिथिलेश सिंह

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