मेष लग्न में लग्नेश मंगल का धनु राशि एवं नवम भाव में होने का प्रभाव !

मेष राशि एवं धनु राशि दोनों ही अग्नि तत्त्व राशि है , जिसके फलसवरूप व्यक्तित्व में अग्नितत्वा की प्रबलता देखने को मिल सकता है ! मेष लग्न का जातक सामान्य तौर पर अग्नि तवा के प्रभाव में होता है ! ऊर्जावान , उत्साहवर्धक ,जोशीला ,स्पोर्ट्स के रूचि रखने वाला होता है ! युद्ध क्षेत्र में विप्रांगत होता है , उग्र ,गुस्से वाला क्रोधी प्रविर्ती का भी होता है ! हारना उसे स्वीकार नहीं होता है , जीवन को प्रतियोगिता के भाव से जीने वाला होता है , ऐसे जातक को रक्त चाप एवं ह्रदय रोग सम्बंधित परेशानियों से सावधान रहना चाहिए ! इस संयोग में मंगल का लग्नेश होकर धनु राशि एवं नवम भाव में होने के फलसवरूप्प व्यक्तित्व में अग्नि तत्त्व की प्रबलता आ सकती है , जातक शरीर से मजबूत , जिद्दी , जोशीला ,उत्साहवर्धक , गुस्से वाला ,हार स्वीकार नहीं करने वाला इन सभी गुणों की अधिकता वाला जातक हो सकता है , जातक के भाग्य उदय में जातक का खुद का पराक्रम देखा जा सकता है , जातक डिफेन्स के क्षेत्र में सरकारी कर्मचारी के तौर पर कार्य करने वाला हो सकता है , जातक आध्यात्मिक प्रविर्ती वाला हो सकता है ! जातक का व्यक्तित्व विदेश से जुड़ सकता है , हो सकता है जातक विदेश जाकर अपने भाग्य का उदय करे , जातक जातक के स्वाभाव में दिखावे की भावना भी देखि जा सकती है , जातक वैरागी परवर्ती का हो सकता है , धार्मिक कार्यो में रूचि लेने वाला , अपनी भागेदारी निभाने वाला हो सकता है ! जातक की वाणी दूषित हो सकती है , अग्रेसिव तरीके से बात करने वाला हो सकता है , जातक अपने छोटे भाई से विवाद भी कर सकता है ! जातक बुद्धिमानी से अपनी विशेष एनर्जी का पराक्रम के तौर पर इस्तेमाल करने वाला हो सकता है ! जातक पाने बाहुबल के प्रभाव से जनता पर प्रभाव बनाकर रखने वाला हो सकता है ! जातक को जीवन में सुख के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ सकता है , माता के स्वस्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव देखा जा सकता है , माता के साथ वाद विवाद की स्थिति देखि जा सकती है ! ऐसे जातक को प्रतिदिन शिवलिंग पर जल अभिषेक करना चाहिए एवं ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए ! जातक को अपनी कुंडली विश्लेषण कराना चाहिए ! जातक के लिए मोती धारण करना फायदेमंद हो सकता है !

मिथिलेश सिंह

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