कुम्भ लग्न एवं मकर राशि में सूर्य की दृष्टि चंद्रमा पर होने का प्रभाव

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नमस्कार साथियों मैं मिथिलेश सिंह ज्योतिष कीचर्चा में आप सभी के बीच हाजिर हूं इसी के साथ आप सभी से आग्रह करता हूं चैनल कोसब्सक्राइब करें लाइक करें और शेयर करें आज की चर्चा का विषय है कुंभ लग्नएवं मकर राशि होने पर सूर्य की दृष्टि जब चंद्रमा पर होती है तो किस प्रकार काप्रभाव देखा जाता है इस दृष्टि प्रभाव के कारण जातक का लग्नचार्ट किस प्रकार से प्रभावित होता है जातक के संपूर्ण जीवन पर इस दृष्टि प्रभावका किस प्रकार का असर देखने को मिलता है जातक का मन इस दृष्टि प्रभाव के कारण किसप्रकार से प्रभावित होगा इन सभी बातों को समझने का प्रयासकरेंगे बात हो रही है कुंभ लग्न एवं मकर राशि की इसका मतलब है जातक का जो लग्नचार्ट होगा उसके पहले भाव में 11 नंबर लिखा होगा आप सभी जानते हैं 11 नंबर राशिकुंभ राशि होती है और पहले भाव में 11 नंबर लिखा होना हमें बताता है कि जातक कालग्न चार्ट कुंभ लग्न का चार्ट है साथ में चंद्रमा वहां विराजमान होंगे जहां पर 10नंबर लिखा होगा आप सभी जानते हैं 10 नंबर राशि मकर राशि होती है चंद्रमा जब मकरराशि में होकर विराजमान होते हैं तो माना जाएगा कि जातक की राशि मकर राशिहै कुंभ लग्न के चार्ट के अंदर मकर राशि बनेगी द्वादश भाव में जिसकोहम लोग 12वां भाव भी कहते हैं बवे भाव में जाकर चंद्रमा विराजमान होंगे और इस प्रकारसे पूरा जो लग्न चार्ट हो जाएगा कुंभ लग्न एवं मकर राशि का लग्न चाट इसके साथ हीसूर्य की दृष्टि चंद्रमा पर तब होगी जब सूर्य छठे भाव में जहां पर चार नंबर लिखाआएगा चार नंबर राशि कर्क राशि होती है सूर्य जब कर्क राशि में होकर लग्न चार्टके अकॉर्डिंग छठे भाव में विराजमान होंगे और वहां पर विराजमान होकर द्वादश भाव परअपना दृष्टि प्रभाव डालेंगे साथ में चंद्रमा के ऊपर भी अपना दृष्टि प्रभावडालेंगे यह कंप्लीट परिस्थिति है इस परिस्थिति में किस प्रकार का प्रभाव देखाजाएगा इसको समझने का प्रयास करते हैं आप सभी जानते हैं कुंभ राशि के स्वामीग्रह शनि होते हैं एवं मकर राशि के भी स्वामी ग्रह शनि होते हैं इसलिए यहां परजो बात हो रही है कुंभ लग्न एवं मकर राशि की यानी जातक के लग्नेश भी शनि होंगे औरराशि के स्वामी ग्रह भी शनि होंगे इसका परिणाम यह होगा कि शनि का विशेष प्रभावजातक की पर्सनालिटी में आ जाएगा ऐसा जो जातक होता है बहुत ही जिद्दी होता हैजुझारू होता है संघर्ष करने वाला होता है स्पष्ट वादी होता हैनैतिक होता है निडर होता है क्रांतिकारी विचार वाला होता है साथ में मौखिक होकर हमकह सकते हैं कि माफ कीजिएगा मु मुखर होकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभानेवाला भी होता है जब भी कभी समाज में अन्याय होता है उसके खिलाफ बहुत ही निडरहोकर के आगे आकर उसके खिलाफ आवाज उठाता है ऐसा जो जातक होता है बहुत ही व्यवहार कुशलभी होता है और साथ में परोपकार की भावना भी उसके अंदर बहुत अच्छी देखी जाती है वहबहुत ही सूक्ष्म दृष्टि वाला जातक होता है साथ में कुंभ राशि होने के कारण जातक काज्योतिष के प्रति भी आकर्षण देखा जाता है मकर राशि है जातक की तो मकर राशि होने केकारण हमय कह सकते हैं कि ऐसा जो जातक होता है बहुत ही सहनशील होता है बहुत हीबुद्धिमान होता है उसके नैन नक्स आंखें बहुत ही अच्छे होते हैं लंबे कद काठी काहोता है कुल मिलाकर के हमें सकते हैं कि एक बहुत ही अट्रैक्टिव अट्रैक्टिव जिसकोबोल सकते हैं आकर्षक पर्सनालिटी कुंभ लग्न एवं मकर राशि होने के कारण जातककी देखने को मिल सकता है यहां पर जो बात हो रही है कुंभ लग्नएवं मकर राशि की यहां पर थोड़ा सा अलग प्रकार से भी हम लोग विश्लेषण करेंगे इसलग्न चार्ट के अंदर चंद्रमा की जो भूमिका होती है छठे भाव के स्वामी ग्रह की होतीहै और छठे भाव के स्वामी ग्रह चंद्रमा अपने से सातवें भाव में जाकर द्वादश भावमें जाकर विराजमान हो रहे हैं इसका परिणाम यह होगा कि जातक का अध्यात्म के प्रतिविशेष रुचि देखी जाएगी ऐसे भी मकर राशि होने के कारण जातक आध्यात्मिक होता हैअध्यात्म के प्रति रुचि देखी जाती है हम कह सकते हैं कि उसके अंदर सन्यासी के गुणदेखे जाते हैं वैराग्य की मात्रा देखी जाती है और यहां पर द्वादश भाव में जाकरमकर राशि बन रही है तो ऐसे कंडीशन में जातक बहुत ज्यादा आध्यात्मिक हो सकता हैबहुत ज्यादा उसके अंदर सन्यासी के गुण देखे जा सकते हैं वैराग्य की मात्रा अ कीअधिकता देखी जा सकती है और साथ में बहुत ज्यादा स्पष्ट वादी हो सकता है ऐसा जातकसाथ में छठे भाव के स्वामी ग्रह होकर के चंद्रमा जब वहां विराजमान होंगे एक और बातदेखने को मिल रहा है कि जातक मानसिक रूप से अ थोड़ा सा बीमार हो सकता है विकारोंसे ग्रसित हो सकता है जातक की जो माता होंगी उनके स्वास्थ्य पर भी उसका प्रतिकूलप्रभाव देखा जा सकता है जातक साथ में यह भी कह सकते हैं कि जातक भोगविलास के प्रति भी उसका आकर्षण देखा जा सकता है जन सेवा के प्रति भी आकर्षण देखाजा सकता है साथ में एक और बात होगी जातक का विदेश घूमने के प्रति जो आकर्षण है वहभी देखा जा सकता है बढ़ सकता है यहां पर सप्तमेश सूर्य है और सूर्य अपने सेद्वादश भाव मेंजाकर चंद्रमा की राशि क राशि में होकर छठे भाव में विराजमान हो रहे हैं सूर्य जब छठेभाव में विराजमान होंगे तो इसके परिणाम यह होंगे कि जातक को सरकारी क्षेत्रों सेसफलता मिलने की तरफ इशारा करता है उसके दुश्मन कभी भी कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे वहहमेशा ही दुश्मन पर हावी रहेगा ऐसी स्थिति को दर्शाता है लेकिन इसके नकारात्मकप्रभाव यह होते हैं कि जातक का अपने ननिहाल पक्ष से अपने मामा मामी के साथ मेंकिसी वाद विवाद को भी यह जनरेट करता है यहां सूर्य का प्लेसमेंट इसके साथ हीआंखों से संबंधित जातक को समस्या देखने को मिल सकती है साथ में ब्लड प्रेशर सेसंबंधित समस्या देखने को मिल सकती है साथ में यह भी कह सकते हैं कि जातक की जो जीवनसाथी होंगी उनके भी स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव देखा जा सकता है सूर्यऐसे भी अपने से द्वादश भाव में जाकर विराजमान हो रहे हैं तो यह भी दर्शाता हैकि जातक का जो मन होगा वो बहुत ही ज्यादा कामुक प्रवृत्ति का जातक हो सकता है इसचीज को भी दर्शाता है और साथ में इसी के कारण या चाहे जिस कारण से भी हमें कह सकतेहैं कि जातक का विशेष जो खर्च है वह हॉस्पिटल कीतरफ इशारा कर रहा है यह जो प्लेसमेंट है यह बता रहा है कि जातक का विशेष खर्चस्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को लेकर के हो सकता है माता के स्वास्थ्य पर खुद केस्वास्थ्य पर साथ में जीवन साथी के स्वास्थ्य पर थोड़ा सा इसमें सावधान रहनेकी आवश्यकता है एक और बात है यहां पर जो भी प्रभाव बताया गया है यह सामान्य प्रभावहै इन सभी प्रभाव में कमी या बढ़ोतरी दोनों देखा जा सकता है वो डिपेंड करेगाबाकी सभी ग्रहों का प्लेसमेंट किस प्रकार का है सभी ग्रह कुंडली में कितनेप्रभावशाली होकर विराजमान है कितने सकारात्मक है कितने नकारात्मक है किस भावके स्वामी ग्रह के साथ है किस भाव के स्वामी ग्रह से दृष्ट हो रहे हैं कितनेडिग्री पर है किस नक्षत्र में है सब कुछ देखने के बाद पूरा प्रभाव पता चलता है यहसामान्य प्रभाव है सामान्य प्रभाव के तौर पर हम यह समझ सकते हैं कि सरकारी पक्षोंसे जातक को लाभ हो सकता है सरकारी पक्षों के प्रभाव में जातक जो है कि रहसकता है और जातक को हम यह भी कह सकते हैं कि जातक को सरकारी क्षेत्रों से थोड़े सेलीगल प्रॉब्लम भी देखने को मिल सकता है लेकिन सूर्य का जब छठे भाव में प्लेसमेंटहोगा तो भले उसके ऊपर समस्या आएगी लेकिन वह उसमें मतलब हमय कह सकते हैं सफलताहासिल होगा उसके पक्ष में न्याय आएगा दुश्मन पक्ष पर हमेशा हावी रहेगा मामा केसाथ थोड़े से संबंध को ही खराब करता है और जातक के खुद के ब्लड प्रेशर से संबंधितसमस्याओं को देता है सावधान रहने की आवश्यकता है इसके जो उपाय हैं हमें कहसकते हैं कि ऐसे कंडीशन में जातक को गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए शिवलिंगपर निरंतर जल अभिषेक करना चाहिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप अगर जातक करता हैतो बहुत ही अच्छा रहेगा क्योंकि यहां पर हम यह भी देख देख रहे हैं कि यहां परचंद्रमा षष्ठी शकर द्वादश भाव में विराजमान हो रहे हैं साथ में सप्तमेश काउसके ऊपर दृष्टि प्रभाव भी है यह इस चीज को भी दर्शाता है कि जातक का जीवन साथी केसाथ वाद विवाद को भी थोड़ा सा नकारात्मक रूप से प्रदर्शित कर रहा है मानसिक रूप सेजातक विकारों में कृषित हो सकता है ओवरऑल इन सारी समस्याएं जो भी बताई गई है इनसारी समस्याओं से जातक निजात पा सकता है जो भी समाधान बताया गया है गायत्री मंत्रका जाप करें महा मृत मंत्र का जाप करें शिलिंग पर जल अभिषेक करें राहत जरूर देखनेको मिलेगा इसी केसाथ अगले विषय पर चर्चा के लिए आप सभी के बीच मिलूंगा तब तक के लिए मेरा नमस्कार

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