मीन लग्न एवं वृषभ राशि में सूर्य की दृष्टि चंद्रमा पर होने का प्रभाव

You are currently viewing मीन लग्न एवं वृषभ राशि में सूर्य की दृष्टि चंद्रमा पर होने का प्रभाव

मीन लग्न एवं वृषभ राशि होने पर सूर्य की दृष्टि जब चन्द्रमा पर होने पर प्रभाव को समजह्ते है ! म मं राशि के स्वामी गुरु होते इसलिए जातक के लग्नेश गुरु होंगे , ऐसा जातक भावुक होता है , संवेदनशील होता है , कल्पनाशील होता है , मीन राशि जल तत्व राशि की श्रेणी में आता है !

https://amzn.to/4bRW3H4

इसलिए ऐसे जातक में थोड़ी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है ! गुरु लग्नेश होने के कारण जातक गुरु की तरह व्यवहार करने वाला होता है ,गूढ़ ज्ञानी होता है , शिक्षक होता है , समाज में गुरु की भूमिका निभाने वाला होता है ! मीन राशि जलतत्व राशि के अंतर्गत आने के कारण व्यक्ति किसी भी परिस्थिति के अनुसार बहुत जल्द रियेक्ट करने वाला होता है ! बहुत जल्द गुसा या बहुत जल्द शांत होने की प्रविर्ती देखि जाती है ! जातक की राशि वृषभ राशि होने के कारण जातक के राशि के स्वामी शुक्र होंगे ऐसा जातक भोग विलाश के प्रति लालायित रहने वाला होता है , लक्ज़री लाइफ को जीने की कामना रखने वाला होता है , यहाँ राशि और लग्न के कॉम्बिनेशन के कारण गुरु और शुक्र का कॉम्बिनेशन बन रहा है , इसलिए ऐसा जातक गूढ़ ज्ञानी होता है , रहसयवादी ज्ञान की समझ रखने वाला होता है , ऐसा जातक प्रेडिक्ट करने की क्षमता वाला होता है ! मीन लग्न में चन्द्रमा की भूमिका पंचमेश की होती है ,और पंचमेश अपने से एकादश भाव में जाकर विराजमान हो रहे है ,हमें इससे संकेत मिल रहा है की जातक को अपनी माता से लाभ हो सकता है , चन्द्रमा के क्षेत्र से लाभ हो सकता है , पशुपालन से , टूर्स एंड ट्रेवल के काम से , माता पक्ष से जातक को लाभ हो सकता है , जातक का अपने छोटे भाई से सम्बन्ध अच्छे हो सकते है , जातक का मैक्सिमम पराक्रम चंद्र के क्षेत्र से जुड़े हुए हो सकते है ! जातक को अपने शैतान से लाभ हो सकता है , जातक के संतान भी शिक्षा प्राप्त करने को लेकर डेडिकेटेड हो सकते है ! वृषभ राशि होने से चन्द्रमा ऊंच के होते है इसलिए ऐसा जातक अपनी माता से विशेष जुड़ाव रखता hai !वृषभ राशि होने के कारण जो भी प्रभाव बताया गया वो प्रभाव सूर्य के दृष्टि प्रभाव के कारण कम हो जायेगा उसमे बदलाव आएगा ! अभी तक मीन लग्न एक वृषभ राशि होने के प्रभाव को बताया गया है लेकिन अब प्रभाव सूर्य के दृष्टि प्रभाव के कारन प्रभावित हो जायेंगे ! वृषभ राशि होने के कारण जो भी प्रभाव बताया गया वो प्रभाव सूर्य के दृष्टि प्रभाव के कारण कम हो जायेगा उसमे बदलाव आएगा ! चन्द्रमा पंचमेश होकर पराक्रम भाव में विराजमान है इसलिए जातक का विशेष पराक्रम अपने शिक्षा को पूरा करने में रहेगा , अपने बच्चो की शिक्षा पूरा करने के लिए जातक भरपूर प्रयास करेगा ! इस लग्न में सूर्य षष्ठेश है और अपने से चतुर्थ भाव में एवं लग्न के अनुसार नवम भाव में वृश्चिक राशि में विरजमान होंगे ! सूर्य जब नवम भाव में वृश्चिक राशि में होंगे तो नवम भाव मजबूत होगा , जातक भाग्य उदय में सूर्य मददगार हो जायेंगे ! सरकारी छेकटरो में जातक का भाग्योदय हो सकता है ! जातक के जन्म के बाद जातक के पिता के भाग्य में भी बढ़ोतरी होगी , पिता के साथ जातक के सम्बन्ध अच्छे होंगे ! जातक कोई सरकारी वकील हो सकता है , कोई सरकारी डॉक्टर हो सकता है , जज हो सकता है ! जातक अपने पद का उपयोग कर अपने भोग विलास की कामना को पूरा करने वाला हो सकता है ! जातक के मन पर पिता का विशेष प्रभाव रहेगा , पिता की बात को मानेगा वाला रहेगा ! जातक अपने बच्चो पर नियंत्रण रखने का प्रयाश करेगा , माता पर भी नियंत्रण का प्रयास करेगा , जातक के बच्चे उसकी बात को तो मानेंगे पर थोड़ी उसके विशेष नियंत्रण करने की प्रविर्ती इ असहज भी होंगे , कभी कभी वाद विड भी बच्चो के साथ हो सकता है ! माता के सव्स्थ्य पर इस दृष्टि प्रभाव के कारन प्रतिकूल प्रभाव देखा जाता है , वाद विवाद भी माता के साथ देखा जाता है ! जातक का मान चिड़चिड़ा हो सकता है , जिससे वाला हो सकता है , अहंकार ग्रस्त हो सकता है ! यह दृस्टि प्रभाव जातक के अंदर लीडरशिप की प्रविर्ती को निखार सकता है , प्रखर वक्त बना सकता है , राज नेता बना सकता है , इस दृस्टि प्रभाव के कारन जातक राजनीती में जाने के लिए रूचि रख सकता है , जा सकता है , और नेता बनाने में भी यह दृस्टि प्रभाव प्रभावकारी रहेगा ! इस दृष्टि प्रभाव के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए जातक को शिवलिंग पर जल अभिषेक करना चाहिए , ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए , और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए !

मिथिलेश सिंह

This Post Has One Comment

  1. Rounak

    Nice article

Leave a Reply